शीशे के घर में रहने वाले दूसरों के घरों पर पत्थर नहीं फेंका करते
" आलोक गौड़ "
नई दिल्ली। न थी हाल की जब हमें अपने खबर रहे देखते और के ऐब ओ हुनर, पड़ी अपनी बुराइयों पर जो नजर तो निगाहों में कोई बुरा न रहा।
आज के लेख की हैडिंग ओर इस शेर को देखकर दिल्ली विधानसभा में विपक्ष की नेता आतिशी जी व उनके सिपहसालार सौरभ भारद्वाज से उम्मीद तो यह ही है कि वह सौ दिन पुरानी दिल्ली की रेखा सरकार पर चौतरफा आक्रमण करने के बजाय अपने गिरेबान में भी झांकने का प्रयास करेंगे। मेरा मकसद विपक्ष के सरकार की गलत नीतियों और जनहित विरोधी फैसलों का विरोध करने पर सवाल उठाने का नहीं है। मैं सिर्फ और सिर्फ यह कहना चाहता हूं कि केवल विरोध की राजनीति किसी के भी हक में नहीं है।
दिल्ली में भारतीय जनता पार्टी की रेखा गुप्ता सरकार ने हाल ही अपने कार्यकाल के सौ दिन पूर किए हैं। रेखा सरकार के इतने से अल्प कार्यकाल को विफलता व नाकामी का प्रतीक बताते हुए आम आदमी पार्टी ने एक बॅकलेट जारी करने के साथ ही इसे घर- घर तक पहुंचाने का ऐलान किया है।
यहां इस बात का उल्लेख करना भी अतर्कसंगत न होगा कि आम आदमी के तमाम बड़े नेता जिसमें पार्टी के मुखिया अरविंद केजरीवाल, मनीष सिसोदिया व संजय सिंह भी शामिल हैं, भ्रष्टाचार के आरोपों में जेल की सजा काट चुके हैं। यह सभी फिलहाल जमानत पर हैं और इनके खिलाफ अदालत में मामले चल रहे हैं। खुद मुख्यमंत्री के तौर पर आतिशी जी कार्यकाल निर्विवाद नहीं रहा है।
अब आते हैं रेखा सरकार के सौ दिन के कार्यकाल और उसे लेकर आम आदमी पार्टी की नेता आतिशी व सौरभ भारद्वाज की ओर से किए जा रहे मुद्दों पर। जिन मुद्दों को लेकर आम आदमी पार्टी रेखा सरकार के खिलाफ हमलावार रुख अपना रही है। यदि उनकी निष्पक्ष समीक्षा की जाए तो उन मुद्दों को लेकर खुद ही कठघरे में खड़ी नजर आती है ।
आतिशी व सौरभ भारद्वाज का कहना है कि दिल्ली में रेखा गुप्ता की सरकार बनने के बाद बिजली की कटौती हो रही है और बिजली महंगी हो गई है। इस बारे में बिजली मंत्री का कहना है कि गर्मियों के मौसम में बिजली की बढ़ती मांग को ध्यान में रखते हुए संयंत्र की मरम्मत करना जरूरी है। इसके लिए संयंत्र को कुछ समय के लिए बंद करना जरूरी होता है। उनका यह भी कहना है कि जहां तक बिजली की पीपीसीए की दर बढ़ाने का सवाल है तो इस बारे में हमारी सरकार ने कोई फैसला नहीं लिया है। यह फैसला आम आदमी पार्टी के समय में ही लिया गया होगा।
इसी प्रकार आतिशी और सौरभ भारद्वाज ने रेखा सरकार पर हमला बोलने के दौरान आरोप लगाया है कि उसने 25 हजार महिलाओं की विधवा पेंशन बंद कर दी है। जबकि हकीक़त तो यह है कि केजरीवाल सरकार के कार्यकाल के दौरान विधवा व वृद्धावस्था की पेंशन के नए फार्म जमा करने पर कई साल पहले ही रोक लगा दी गई थी।
इसी प्रकार आम आदमी सीवर ओवरफ्लो होने की जिस समस्या को लेकर रेखा सरकार पर आरोप लगा रही है। दरअसल उसके लिए भी वही जिम्मेदार है। यदि उसने सत्ता में रहते हुए दिल्ली की सीवर व्यवस्था सुधारने की दिशा में उचित कदम उठाए होते तो यह स्थिति पैदा नहीं होती।
जिस वायु प्रदूषण और यमुना के। प्रदूषित होने के लिए आतिशी जी रेखा सरकार को जिम्मेदार ठहरा रही हैं । इसके लिए भी आम आदमी की सरकार ही जिम्मेदार है। क्योंकि उसने अपने कार्यकाल के दौरान इस ओर कई ध्यान नहीं दिया। आतिशी मात्र सौ दिन पुरानी रेखा गुप्ता सरकार से जवाब मांगने और उस पर आरोप लगाने से पहले अपनी पार्टी की उपलब्धियां बताते हुए तुलना करती तो ज्यादा बेहतर होता। ऐसा लगता है कि उनके पास अपनी सरकार की उपलब्धियां बताने के नाम पर कुछ है ही नहीं। इसलिए वह रेखा सरकार पर आरोप लगा कर जनता को गुमराह करने की कोशिश कर रही हैं।