दोषी तो आप भी हैं मुख्यमंत्री जी

"आलोक गौड़ "

नई दिल्ली। इब्दिता -  ए - इश्क है, रोता है क्या। आगे - आगे देखिए होता,है क्या। दिल्ली की मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता और उनकी सरकार के लोक निर्माण मंत्री परवेश साहिब सिंह ने चंद दिन पहले ही नई दिल्ली इलाके के मिंटो ब्रिज के नीचे सरकारी अमले के साथ फोटो खिंचवाते हुए यह ऐलान किया था कि इस बार मानसून के दौरान इस ब्रिज के नीचे जल भराव की कोई समस्या नहीं होगी। उन्होंने यह भी कहा था कि जल भराव की समस्या से निपटने के लिए सभी उपाय कर लिए गए हैं। यहां पर पानी निकालने के लिए स्वचालित पंप लगाए गए हैं,जो एक स्तर तक पानी भर जाने पर उसे निकालने का काम करने लगेंगे।
मगर हाल ही में दिल्ली में आई बेमौसम कि बारिश में मुख्यमंत्री और उनके लोक निर्माण मंत्री दोनों के तमाम दावे भी पानी के साथ बह गए। मिंटो ब्रिज के नीचे जल भराव के कारण कई गाड़ियां फंस गई। जिन्हें निकालने के लिए पुलिस और फायर ब्रिगेड की मदद लेनी पड़ी।
पता चला है कि इस घटना से मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता इतनी ख्फा हो गईं है कि उन्होंने वहां जूनियर इंजीनियर और पंप आपरेटर को निलंबित कर दिया है। इतना ही वहां के सहायक इंजीनियर को भी कारण बताओ नोटिस जारी किया गया है।
मिंटो ब्रिज के नीचे पानी भरने की समस्या आज की नहीं है बल्कि यह 66 साल पुरानी समस्या है। जिसका आज तक कोई समाधान नहीं खोजा जा सका है। जब यह दिल्ली नगर निगम के अधीन था तब भी यहां पानी भरता था। अब यह दिल्ली सरकार के लोक निर्माण विभाग के अंतर्गत आता। मगर जल भराव की समस्या जस की तस बनी हुई है। दिल्ली में आई बरसात के दौरान दिल्ली सरकार को 40 स्थानों पा जल भराव की गंभीर स्थिति पैदा होने की शिकायतें मिली थीं। इस स्थिति से निपटने की जिम्मेदारी लोक निर्माण विभाग के इंजीनियर इन चीफ को सौंपी गई थी।
लोक निर्माण विभाग के मुताबिक दिल्ली यातायात पुलिस की ओर से 445 ऐसे स्थानों की सूची दी गई है। जहां मानसून के दौरान जल भराव की स्थिति पैदा हो सकती है। इनमें से 335 स्थान लोक निर्माण विभाग के अंतर्गत आते हैं। लोक निर्माण मंत्री परवेश साहिब सिंह ने इन सभी स्थानों पर जल भराव की समस्या से निपटने के लिए जूनियर इंजीनियर को स्थानीय इंचार्ज के रूप में तैनात किए है।
अब वापस मिंटो ब्रिज में जल भराव के कारण निलंबित किए गए जूनियर इंजीनियर और पंप आपरेटर के मुद्दे पर आते हैं। अगर उन्हें इसलिए दंडित किया गया है कि उन्होंने मुख्यमंत्री को जल भराव न होने देने के बारे में गलत जानकारी देकर गुमराह किया है। तब मुख्यमंत्री ओर उनके लोक निर्माण मंत्री भी उतने ही दोषी हैं। जिन्होंने सभी उपायों की जांच परख किए बिना ही लंबे लंबे दावे कर दिए थे। वैसे भी दिल्ली में जब से रेखा गुप्ता की सरकार बनी है तब से वह केवल घोषणाएं कर रही। मगर जमीनी स्तर पर उनका कोई असर दिखाई नहीं दिया है। मिंटो ब्रिज की घटना उसका जीवंत उदाहरण है