पहलगाम हमला बिना आतंकी फंडिंग के संभव नहीं — FATF

पहलगाम हमला बिना आतंकी फंडिंग के संभव नहीं — FATF

नई दिल्ली, 17 जून 25 । आतंकी फंडिंग की निगरानी करने वाली संस्था फाइनेंशियल एक्शन टास्क फोर्स (FATF) ने सोमवार को कहा कि पहलगाम हमला आतंक फैलाने वालों के समर्थन के बिना नहीं किया जा सकता। इसके लिए फंडिंग भी की गई।

FATF का यह बयान पहलगाम हमले के 55 दिन बाद आया है। ग्लोबल टेरर वॉच डॉग ने कहा कि आतंकी हमले लोगों को मारते हैं, घायल करते हैं और दुनियाभर में डर फैलाते हैं।

FATF का यह बयान ऐसे समय में आया है जब भारतीय अधिकारियों ने पाकिस्तान के लगातार आतंकवाद को समर्थन देने और मल्टीपल फंड्स को हथियारों की खरीद में इस्तेमाल करने की बात को उजागर किया है।

सूत्रों के अनुसार, ऐसी गतिविधियों की वजह से पाकिस्तान को FATF की 'ग्रे लिस्ट' में डाला जा सकता है। पहलगाम में आतंकी हमला 22 अप्रैल को किया गया था। इसमें एक नेपाली समेत 26 टूरिस्ट की मौत हुई थी।

FATF कभी कभार ही आतंकवादी कृत्यों की निंदा करता है। पिछले एक दशक में यह तीसरा मौका है जब उसने किसी आतंकी हमले की निंदा की है। इससे पहले 2015 में और फिर 2019 में आतंकवादी हमलों के गंभीर मामलों में निंदा जारी की गई थी।

FATF की एशिया-पेसिफिक ग्रुप (APG) की बैठक 25 अगस्त को होनी है। इसके बाद FATF के वर्किंग ग्रुप की बैठक 20 अक्टूबर को होगी। इन बैठकों से पहले भारत पाकिस्तान के खिलाफ एक डोजियर तैयार कर रहा है। इसमें बताएगा कि पाकिस्तान कैसे फंडिंग का आतंकी गतिविधियों और मनी लॉन्ड्रिंग में इस्तेमाल कर FATF के नियमों का उल्लंघन कर रहा है।

FATF ने 2022 में पाकिस्तान को ग्रे लिस्ट से हटाया था

2018 में पाकिस्तान को FATF की ग्रे लिस्ट में रखा गया था। तब उसने मनी लॉन्ड्रिंग और टेरर फाइनेंसिंग पर लगाम लगाने के लिए एक एक्शन प्लान दिया था। इसके बाद 2022 में FATF ने पाकिस्तान को इस ग्रे लिस्ट से हटा दिया था।

सूत्रों ने कहा कि भारत सरकार, एंटी मनी लॉन्ड्रिंग और टेरर फाइनेंसिंग नियमों का पालन करने में विफल रहने के कारण पाकिस्तान को फिर से 'ग्रे लिस्ट में डालने के लिए FATF के सामने मजबूत केस रखेगी। FATF की साल में तीन बार (फरवरी, जून और अक्टूबर ) मीटिंग होती है।

भारत ने पाकिस्तान के बेलआउट पैकेज का भी विरोध किया था

भारत सरकार ने इंटरनेशनल मॉनेटरी फंड (IMF) के 9 मई को पाकिस्तान को दिए गए 2.4 बिलियन डॉलर के बेलआउट पैकेज का भी विरोध किया था। इसके बाद IMF ने बेलआउट पैकेज की अगली किस्त जारी करने को लेकर पाकिस्तान के सामने 11 नई शर्तें रखी हैं। नई शर्तों में फेडरल बजट के लिए पार्लियामेंट्री अप्रूवल, बिजली बिलों पर हायर डेट सर्विसिंग सरचार्ज और पुरानी यूज कारों पर प्रतिबंध हटाना शामिल है।