रेखा सरकार के सौ दिन का कार्यकाल: सफल या विफल

" आलोक गौड़ "



नई दिल्ली। ये जुगनू भी कमाल करते है, सूरज से तीरगी के सवाल करते हैं। दिल्ली में मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता के नेतृत्व में बनी भारतीय जनता पार्टी की सरकार ने अपने कार्यकाल के सौ दिन पूरे कर लिए हैं। दिल्ली में इस वक्त ट्रिपल इंजन वाली सरकार है।
रेखा सरकार अपने कार्यकाल की उपलब्धियोंयों का बखान करने के लिए रिपोर्ट कार्ड जारी करने की तैयारियों में जुटी हुई है। उससे पहले ही आम आदमी पार्टी ने रिपोर्ट कार्ड जारी करते हुए रेखा सरकार के सौ दिन के कार्यकाल को विफलता और नाकामियों का प्रतीक बताया है।
वैसे तो महज सौ दिन के शासनकाल के आधार पर किसी भी सरका के कामकाज का आकलन करना या उसके बारे में किसी भी प्रकार की धारणा बनाना उसके प्रति नाइंसाफी होगी। क्योंकि सरकार जो भी फैसले लेती या योजना बनाती उसे जमीनी स्तर पर लागू करने में कई तरह की प्रक्रियाओं को पूरा करना पड़ता है। जिसमें समय लगता है।
पूर्व मुख्यमंत्री होने के नाते आतिशी और पूर्व मंत्री सौरभ भारद्वाज भी इस बात को जानते हैं। बाबजूद इसके इन दोनों ने सौ दिन पुरानी रेखा गुप्ता सरकार पर न केवल जोरदार तरीके से हमला किया है बल्कि सरकार के खिलाफ रिपोर्ट कार्ड भी जारी कर दिया है।
लोकतांत्रिक प्रणाली में सरकार के अप्रिय फैसलों और जनविरोधी नीतियों का विरोध करना विपक्ष की जिम्मेदारी है। लेकिन इतने कम समय में एक सरकार के कार्यकाल को पूरी तरह से विफल करार देना उचित नहीं लगता है। हालांकि उन्होंने अपने रिपोर्ट कार्ड में जिन मुद्दों को उठाया है, उनकी भी अनदेखी नहीं की जा सकती है।
आतिशी व भरद्वाज के मुताबिक रेखा सरकार बिजली के मामले में फेल रही है। उन्होंने दावा किया है कि आम आदमी पार्टी के शासनकाल के दौरान दिल्ली के हर इलाके में 24 घंटे बिजली मिलती थी। जब से दिल्ली के अनेक इलाकों में कई कई घंटे तक बिजली गुल रहना आम बात हो गई है। एक तो बिजली की अघोषित कटौती की जा रही है। तो दूसरी तरफ पीपीएस के शुल्क में लगभग साढ़े सात फीसदी का इजाफा करके बिजली महंगी कर दी गई है।
आम आदमी पार्टी के नेताओं का यह भी कहना कि रेखा सरकार ने सौ दिन के भीतर ही दिल्ली में पिछले 10 साल से चली आ रही शासन व्यवस्था को ध्वस्त कर दिया है।
उनका यह भी कहना कि रेखा सरकार के आने के बाद से न केवल पानी की किल्लत पैदा हो गई है बल्कि घरों में सीवर मिश्रित पानी आ रहा है। जिसे पीकर लोग पेट संबंधित बीमारियों का शिकार हो रहे हैं।
इसी प्रकार उन्होंने पब्लिक स्कूलों में फीस बढ़ाने के मुद्दे पर भी रेखा सरकार को आरोपों के घेरे में खड़ा किए है।
उनका यह भी कहां है कि ट्रिपल इंजन सरकार ने वादे तो बहुत किए थे , मगर जमीनी स्तर पर कोई असर नजर नहीं आ रहा है।
आम आदमी पार्टी ने मोहल्ला क्लिनिक बंद कर दिए जाने और 25 हजार विधवा महिलाओं को पेंशन से वंचित करने का आरोप भी लगाया है। इसके साथ ही उसने यमुना नदी और वायु प्रदूषण के मुद्दे पर भी रेखा सड़क को घेरा है।
विपक्ष की ओर से लगाए गए आरोपों को गर दरकिन भी कर दें और आम आदमी की बात करें तो उसे भी लगता है कि उसके साथ छल हुआ है। उसने भारतीय जनता पार्टी के जिन वादों पर भरोसा कर उसके समर्थन में वोट दिया था। रेखा सरकार उन्हें पूरा करने की दिशा में कदम उठाने की बजाए आत्मप्रशंसा और प्रचार में जुटी है।
दूसरी ओर मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता का कहना है कि सौ दिन के भीतर ही हमारी सरकार ने विधानसभा चुनाव के दौरान जनता से किए गए वादों को पूरा करने की दिशा में महत्वपूर्ण कदम उठाए हैं। यह सही कि उनका परिणाम आने में समय लग सकता है। लेकिन दिल्ली की जानता ने काम करने वाली जिस सरकार को चुनने का जो फैसला लिया था। उसे अपने फैसले को लेकर किसी भी प्रकार की निराशा नहीं होगी।