करोना के बढ़ते मामलों के बीच सरकार की लापरवाही भारी पड़ सकती है
" आलोक गौड़ "
नई दिल्ली। हाकिम ने नाम मातम का उत्सव रख दिया। रोती है रियाया ताली बजा कर।
दिल्ली में करोना के मामलों की संख्या बढ़ती ही जा रही है। जिन्हें देखते हुए उच्च न्यायालय ने इस संबन्ध में सरकार से जबाव तलब किया है। इसी बीच सरकार ने लगभग 350 मोहल्ला क्लिनिक पर ताले जड़ दिए हैं। जिसकी वजह से जहां एक ओर लोगों की जांच व इलाज की सुविधा मिलनी बंद हो है। वहीं उनमें काम करने वाले 700 डॉक्टर और पैरा मेडिकल स्टाफ के सामने रोजी रोटी का संकट पैदा हो गया है। मोहल्ला क्लिनिक बंद कर दिए जाने को लेकर डॉक्टर व अन्य कर्मचारी न केवल अपना विरोध दर्ज करवाया रहे हैं बल्कि हड़ताल पर जाने से लेकर विधानसभा का घेराव करने जैसे कदम भी उठा चुके हैं।
दरअसल दिल्ली में सरकार की बागडोर संभालने के तुरंत बाद ही मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने मोहल्ला क्लिनिक में डॉक्टर व कर्मचारियों की नियुक्ति, दवा खरीद और जांच के बिल बनाने ने धांधलेबाजी होने का आरोप लगाया था। उन्होंने मोहल्ला क्लिनिक के घोटाले की जांच कराने के साथ ही आरोग्य मंदिर के नाम से क्लिनिक बनाने और उनमें इलाज की बेहतर सुविधाएं मुहैया कराने का ऐलान भी किया था।
दिल्ली में रेखा गुप्ता सरकार को अस्तित्व में आए 100 दिन से भी ज्यादा का अरसा हो गया है। लेकिन अभी तक सरकार की ओर से आरोग्य मंदिर बनाए जाने की दिशा में कोई ठोस कदम उठाए जाने के संकेत नहीं मिले हैं। इसी बीच 350 मोहल्ला क्लिनिक पर ताले लटका दिए जाने से चिकित्सा सेवा की स्थिति बिगड़ने की आशंका पैदा हो गई।
इसी बीच देश के दूसरे हिस्सों के साथ ही दिल्ली में करोना के बढ़ते मामलों ने दिल्ली उच्च न्यायालय ने इस मामले में संज्ञान लेते हुए सरकार से जबाव तलब किया है। लोकतांत्रिक व्यवस्था में शिक्षा व स्वास्थ्य सेवा मुहैया कराना राज्य सरकार का मूल कर्त्तव्य होता है। ऐसे में स्वास्थ्य सेवाओं को लेकर उच्च न्यायालय की ओर से सरकार से जबाव तलब करने से उसकी कार्यशैली पर सवालिया निशान लग जाता है।
हालांकि केवल 100 दिन की सरकार की क्षमता नीयत और की मंशा का आकलन करना सही नहीं होगा। लेकिन केवल इसी आधार पर उच्च न्यायालय की चिंता और सरकार से सवाल पूछने पर किसी तरह की शंका करना उचित नहीं है।
उच्च न्यायालय की चिंता इसलिए पूरी तरह से जायज है कि न केवल दिल्ली बल्कि पूरे देश ने करोना की भयावह दो दो लहर का सामना करने के साथ ही उसके खतरनाक परिणाओं को भुगता है।
हालांकि एक जिम्मेदार सरकार की मुखिया होने के नाते मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने विश्वास दिलाया है कि उनकी सरकार करोना की किसी भी स्थिति का सामना करने के लिए पूरी तरह से तैयार है। इसके साथ ही उनका यह भी कहना है कि पूर्ववर्ती सरकार की गलतियों और गलत फैसलों को ध्यान में रखते हुए उनकी सरकार ने इस प्रकार की नीति बनाई है, जिससे दिल्लीवासियों को किसी भी प्रकार की परेशानी का सामना नहीं करना पड़ेगा।
मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता का यह भी कहना है कि दिल्ली की जानता ने जिस भरोसे और विश्वास के साथ भारतीय जनता पार्टी का समर्थन किया है। वह उसे पूरा करने के लिए अपनी जी जान लगा देंगी। उनका यह भी कहना कि दिल्ली सरकार हर हाल में यहां के लोगों के साथ खड़ी है। वह दिन बीत गए जब सरकार अपनी नाकामी छुपाने के लिए उपराज्यपाल और केंद्र सरकार पर आरोप लगाने के साथ ही अपनी जिम्मेदारी से मुंह मोड़ लेती थी।