दिल्ली पूर्ण राज्य नहीं बल्कि केंद्र शासित प्रदेश है 

 

" आलोक गौड़ "

नई दिल्ली। 'जिस तबाही से लोग बचते थे, वो सरेआम हो रही है अब, अजमत-ए-मुल्क इस सियासत के हाथ नीलाम हो रही है अब।' रेखा गुप्ता सरकार के मंत्रियों को अभी तक भी यह समझ ही नहीं पाए हैं कि दिल्ली पूर्ण राज्य नहीं बल्कि केंद्र शासित प्रदेश है। जिसके अधीन न तो पुलिस है और न ही स्थानीय निकायों पर उसका नियंत्रण है।
यह बात इसलिए कहनी पड़ रही है क्योंकि रेखा सरकार के मंत्री कई बार ऐसी बातें कर देते हैं। जिसकी वजह से सरकार की खुद की स्थिति हास्यास्पद हो जाती है। रेखा सरकार में कला एवं संस्कृति मंत्री कपिल शर्मा की ओर से बकरीद के मौके पर नमाज अता करने व जानवरों की कुर्बानी से संबंधित एडवाइजरी जारी करने को लेकर ऐसी ही स्थिति पैदा हो गई।
कपिल मिश्रा ने एडवाइजरी के दिशा-निर्देश का पालन न करने वालों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई के पुलिस को निर्देश भी दिए हैं। जबकि पुलिस दिल्ली सरकार के नहीं बल्कि केंद्र सरकार के अधीन है। पुलिस पर केंद्रीय गृह मंत्रालय का नियंत्रण और उपराज्यपाल के जरिए उससे संबंधित आदेश जारी कर उनका पालन करवाता ऐसे में भला पुलिस को दिल्ली सरकार के आदेश का पालन करने के लिए मजबूर कैसे किया जा सकता है।

रेखा गुप्ता सरकार में हिंदूत्ववादी चेहरे के रूप में अपनी पहचान बनाने वाले कपिल मिश्रा ने अपनी एडवाइजरी में गाय, बछड़े, ऊंट व अन्य जानवरों की अवैध तरीके से कुर्बानी न देने की सलाह और इस संबंध में पुलिस को निर्देश देकर अपनी हंसी खुद उड़वा ली है। क्योंकि दिल्ली नगर निगम अधिनियम के तहत पशुओं के प्रति क्रूरता निवारण , पशुओं को लाने ले जाने संबंधी नियम पहले से बनाए हुए हैं। इसी प्रकार बकरों की बलि देने से पहले पशु चिकित्सक से प्रमाण पत्र लेना अनिवार्य है।
इसी प्रकार से पशु वधशाला से संबंधित अधिनियम 2001 के तहत सार्वजनिक स्थान पर जानवरों की कुर्बानी देने पर प्रतिबंध लगा हुआ है। इसका उल्लंघन करने वालों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाती है।
खाद्य सुरक्षा मानक अधिनियम 2011 के तहत ऊंट को अखाद्य जानवर की श्रेणी में रखा गया है। जिसकी वजह से उनका वध नहीं किया जाता है।
दिलचस्प बात तो यह है कि नई दिल्ली नगर पालिका परिषद और दिल्ली छावनी बोर्ड के क्षेत्रों में दिल्ली नगर निगम अधिनियम लागू नहीं होते हैं। दिल्ली में ऊंट, गाय व बछड़ों की कुर्बानी सालों से प्रतिबंध लगा हुआ है।
अगर दिल्ली सरकार बकरीद पर सार्वजनिक स्थान व सड़कों पर नमाज पढ़ने पर प्रतिबंध लगाने की व्यवस्था करती तो इससे लोगों को कुछ राहत मिल सकती थी।

बिना नए नियम व नीति बनाए केवल एडवाइजरी जारी करना समझ से परे है। ऐसा लगता है कि अपने को हिंदुत्व का प्रहरी बताने के लिए उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की तर्ज पर एडवाइजरी जारी की है। योगी आदित्यनाथ ने बकरीद के मौके पर केवल निर्धारित स्थान पर ही जानवरों की कुर्बानी व नमाज अता करने की सलाह दी है। उन्होंने सरकार के दिशा निर्देश का पालन न करने वालों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करने की चेतावनी भी दी। वह एक पूर्ण राज्य के मुख्यमंत्री हैं, जिनके अधीन पुलिस भी है और उसे किसी भी प्रकार के आदेश देने का पूरा अधिकार रखते हैं।