झुग्गियों पर फिर चला डीडीए का बुलडोजर 

"आलोक गौड़"

नई दिल्ली। कबीरा खड़ा बाजार में मांगे सबकी खैर, न अपनी काहू दोस्ती ,न किसी से बैर। दिल्ली की मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता के एक से ज्यादा बार यह दोहराने कि किसी भी झुग्गी को तोड़ा नहीं जाएगा और झुग्गी बस्तियों में सभी बुनियादी नागरिक सुविधाएं मुहैया कराई जाएंगी। दिल्ली विकास प्राधिकरण के अधिकारी मुख्यमंत्री की बात को झूठा साबित करने के लिए झुग्गियों पर बुलडोजर चला कर उन्हें जमींदोज करने में लगे हुए हैं।
इस बार डीडीए की बुलडोजर की चपेट में कालकाजी में बनी भूमिहीन बस्ती में बनी लगभग 1200 झुग्गियां आईं हैं। इन झुग्गियों को हटाने और अपनी जमीन को अवैध कब्जे से मुक्त कराने की यह कार्रवाई डीडीए ने अदालती आदेश प्राप्त करने के बाद की है।
न तो अदालत के आदेश पर और न ही डीडीए की ओर से अपनी जमीन को अवैध कब्जे से मुक्त कराने के लिए की गई कार्रवाई पर किसी भी प्रकार की टिप्प्णी करना उचित होगा। मानवीयता के नजरिए को भी दरकिनार कर दें तो यह सवाल पूछना लाजिमी बनता है कि डीडीए की जमीन पर इतनी बड़ी संख्या में झुग्गियां रातों रात तो नहीं बन गई होंगी। सवाल यह भी है कि जब डीडीए की जमीन पर झुग्गियां बन रहीं थीं, उस वक्त डीडीए के अधिकारी व पुलिस ने झुग्गी बनाने वालों को रोका क्यों नहीं। जाहिर सी बात है कि कालकाजी की भूमिहीन बस्ती में झुग्गियां डीडीए और दिल्ली पुलिस की मिलीभगत से ही बनी थीं।
काश अदालत इन झुग्गियों को जमींदोज करने के साथ ही इन्हें बनने देने वाले डीडीए और पुलिस के अधिकारियों के खिलाफ भी कड़ी कार्रवाई करने का भी आदेश जारी करती। अदालत की ओर से इस तरह के आदेश से सरकारी जमीन पर कब्जा करने और कराने वालों को भी सबक मिलता।
डीडीए के अधिकारियों की लापरवाही का ही नतीजा है कि उसकी 80 लाख वर्ग मीटर से भी ज्यादा जमीन या तो भूमाफिया के कब्जे में या फिर उस पर मजबूरीवश लोगों ने झुग्गियां बना रखीं हैं।
इससे डीडीए की भूमि अधिग्रहण करने की नीति के साथ ही उसके अधिकारियों की भूमाफिया के साथ सांठगांठ होने का भी पता चलता है। विकास के नाम पर डीडीए ने एक ओर तो किसानों की जमीन भूमि अधिनियम की धारा 4 व 6 का हवाला देते हुए औने पौने दामों पर हथियाली । तो दूसरी ओर अधिग्रहित की गई जमीन की सुरक्षा करने के बजाय उस जमीन पर भूमाफिया से कालोनियां बनवा दीं। जहां जमीन कम थी, वहां राजनेताओं के संरक्षण में झुग्गी बस्तियां बनवा दीं। दरअसल दिल्ली के अनियोजित विकास का कोई जिम्मेदार है तो वह दिल्ली विकास प्राधिकरण है।
कालकाजी इलाके में झुग्गी तोड़े जाने के मामले को लेकर जैसा स्वाभाविक था। उस विधानसभा क्षेत्र की विधायक पूर्व मुख्यमंत्री आतिशी ने दिल्ली सरकार पर जमकर हमला बोला है। आतिशी के मुताबिक हमारी पार्टी ने विधानसभा चुनाव के दौरान लोगों को आगाह किया था कि अगर भारतीय जनता पार्टी सत्ता में आई तो सबसे पहली ग़ाज़ झुग्गी झोंपड़ी बस्तियों और अनधिकृत कॉलोनियों पर गिरेगी। जिस तरह से अनधिकृत कालोनियों में मकान तोड़े जाने के नोटिस चस्पां किए जा रहे हैं और हर दिन झुग्गियों को जमींदोज किया जा रहा। उससे यह साबित होता है कि हमारी आशंका गलत नहीं थी।
पूर्व मुख्यमंत्री ने रेखा सरकार को गरीब विरोधी करार दिया है। इसी मुद्दे को लेकर आम आदमी पार्टी के संयोजक अरविन्द केजरीवाल ने भी दिल्ली सरकार पर निशाना साधा है। उनका कहना है कि विधानसभा चुनाव के दौरान उन्होंने बार बार लोगों को आगाह किया था कि भारतीय जनता पार्टी गरीब विरोधी है और इसकी नीतियां जनविरोधी हैं। लेकिन तब दिल्लीवासियों ने हमारी बातों पर ध्यान नहीं दिया। अब लोग भारतीय जनता पार्टी को वोट देने का खामियाजा भुगता रहे हैं। उन्होंने भरोसा दिलाया है कि वह उनकी पार्टी हर कदम पर जनता का साथ देगी।
वहीं मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने अदालती आदेश के सामने अपनी लाचारगी का इजहार करते हुए कहा है वह अदालत के आदेश का पालन होने से नहीं रोक सकतीं। इसके साथ ही उनका यह भी कहना है कि उनकी सरकार प्रत्येक झुग्गी बस्ती में बुनियादी नागरिक सुविधाएं मुहैया कराने के लिए कृतसंकल्प है।